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नई दिल्ली: इन दिनों कड़ाके की सर्दी में भी कई टैक्‍सपेयर्स के पसीने छूट रहे हैं. ये इस साल के लिए अपनी टैक्‍स प्‍लानिंग को पूरा करने की जल्‍दी में हैं. लेकिन, उन्‍हें टैक्‍स सेविंग विकल्‍पों को चुनने में उलझन है. ईएलएसएस का रिटर्न अच्‍छा है. लेकिन, आगे इस प्रदर्शन के बने रहने की उम्‍मीद कम है. एनपीएस में टैक्‍स बेनिफिट शानदार हैं. पर, लॉक-इन अवधि रिटायरमेंट तक है. पीपीएफ सुरक्ष‍ित तो है, लेकिन लॉक-इन अवधि बहुत लंबी है. इस उलझन को सुलझाने के लिए हमने 10 टैक्‍स सेविंग इंस्‍ट्रूमेंट का विश्‍लेषण किया है. इसके लिए आठ मुख्‍य बातों को पैमाना बनाया गया है. इनमें रिटर्न, सेफ्टी, फ्लेक्सिबिलिटी, लिक्विडिटी, कॉस्‍ट, ट्रांसपेरेंसी, निवेश में सहूलियत और इनकम पर टैक्‍स शामिल हैं. हर पैरोमीटर को बराबर का वेटेज दिया गया है. कंपोजिट स्‍कोर से उनकी रैंकिंग तय की गई है. इस लिहाज से ईएलएसएस पहले पायदान पर है. इसके बाद एनपीएस का नंबर आता है. पीपीएफ, सीनियर सिटीजंस सेविंग स्‍कीम, एनएससी, और सुकन्‍या समृद्धि योजना से ऊपर यूलिप ने जगह बनाई है. टैक्‍स सेविंग इंस्‍ट्रूमेंट के तौर पर पारंपरिक इंश्‍योरेंस प्‍लानों ने अच्‍छा स्‍कोर नहीं किया है. ये सबसे निचले पायदान हैं.

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ईएलएसएस या टैक्‍स सेविंग फंडों ने तकरीबन सभी पैरामीटर पर अच्‍छा स्‍कोर किया है. सेक्‍शन 80सी के बास्‍केट में ईएलएसएस फंडों की बादशाहत कायम है. तमाम टैक्‍स सेविंग इंस्‍ट्रूमेंट में इनमें सबसे ज्‍यादा रिटर्न देने की क्षमता है. इनकी लॉक-अन अवधि भी सबसे कम 3 साल है. एक लाख रुपये तक के गेंस टैक्‍स फ्री हैं. गेंस को नियमित रूप से भुनाते रहने पर निवेशक लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्‍स देने से बच सकते हैं. सभी फंड हाउस अब ऑनलाइन निवेश की सुविधा दे रहे हैं.
 

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