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नई दिल्ली: न्यायमूर्ति अजय तिवारी न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के कुशल  नेतृत्व में, राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन पंजाब राज्य में किया गया ।  न्यायमूर्ति अजय तिवारी ने कहा कि परस्पर सहमति से विवादों का निपटान , जीवन का सही फैसला है  l
लोक अदालत पीठों, अधिवक्ताओं के साथ-साथ वादियों की सुविधा के लिए, पंजाब राज्य के सभी जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों द्वारा वर्चुअल लोक अदालत आयोजित करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू की गई । इस लोक अदालत में लोक अदालत की 378 पीठों में लगभग 86,204 मामलों की सुनवाई हुई। वैवाहिक विवाद, संपत्ति विवाद, चेक बाउंस मामले, श्रम मामले, आपराधिक कंपाउंडेबल मामले, विभिन्न प्राथमिकी रद्द करने/अनसुलझी रिपोर्ट आदि से संबंधित विभिन्न लंबे समय से लंबित मामलों को लिया गया। इसके अलावा विभिन्न अवार्ड को पार्टियों की सहमति से पारित किया गया। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के प्रावधानों के अनुसार न्यायालय शुल्क वापस करने का आदेश दिया गया था। उल्ल्खनीय है कि
कार्यकारी अध्यक्ष  न्यायमूर्ति अजय तिवारी की सक्रिय भागीदारी से , बड़ी संख्या में मामलों को सुलझाया गया जिससे  वादियों के चेहरे पर मुस्कान और आशा वापस लौट आयी । इस अवसर पर सभी जरूरतमंद व्यक्तियों विशेष रूप से हाशिए के वर्ग को किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए टोल फ्री नंबर 1968 के बारे में भी लोगों को जागरूक किया गया है। अदालतों के परिसर में जिला और तालुका स्तर पर स्थापित फ्रंट ऑफिस द्वारा  वादियों को मुफ्त और प्रभावी कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन दिया गया  पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अरुण गुप्ता जिला एवं सत्र न्यायधीश एवं प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव डॉ मनदीप मित्तल अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश   ने आम जनता से लोक अदालतों में अपनी शिकायतों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने का आग्रह किया है।

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